सच्चे दोस्त की पहचान Moral Kahaniya in Hindi
सच्चे दोस्त की पहचान
बहुत समय पहले की बात है, राम और श्याम नाम के दो अच्छे मित्र एक गाँव में रहते थे। बचपन से ही वे हमेशा साथ रहते और हर सुख-दुख में एक-दूसरे का साथ निभाते थे। वे अक्सर पुरानी कहानियाँ सुनते और एक-दूसरे से वादा करते कि चाहे जो भी हो, वे कभी एक-दूसरे को नहीं छोड़ेंगे। Moral Kahaniya in Hindi
खतरनाक जंगल की यात्रा
एक दिन, रोमांच की तलाश में उन्होंने एक घने जंगल की यात्रा करने का निश्चय किया। यह जंगल रहस्यमयी था, जहाँ कई अजीब घटनाएँ घटती थीं। जैसे-जैसे वे जंगल में आगे बढ़े, आस-पास का माहौल और डरावना होता गया। विशाल पेड़, घना अंधेरा और अजीब सी खामोशी उन्हें विचलित करने लगी।
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चलते-चलते, अचानक उनकी नजर एक खतरनाक भालू पर पड़ी। भालू को देखते ही दोनों डर गए। श्याम, जो पेड़ पर चढ़ने में माहिर था, बिना सोचे-समझे झट से एक ऊँचे पेड़ पर चढ़ गया। लेकिन उसने एक बार भी यह नहीं सोचा कि राम का क्या होगा।
राम की सूझबूझ
राम को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था, लेकिन उसने अपनी बुद्धि से काम लिया। उसे याद आया कि जानवर आमतौर पर मरे हुए इंसानों पर हमला नहीं करते। उसने तुरंत ज़मीन पर गिरकर साँस रोक ली और मरने का नाटक किया। भालू उसके पास आया, उसे सूंघा और यह सोचकर कि राम मर चुका है, वहाँ से चला गया। Moral Kahaniya in Hindi
सच्चे दोस्त की सीख
जब भालू चला गया, तो श्याम पेड़ से नीचे उतरा और हँसते हुए बोला, “दोस्त, भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा?”
राम ने गहरी साँस ली और गंभीर स्वर में कहा, “भालू ने मुझे सिखाया कि सच्चे दोस्त वही होते हैं जो मुश्किल वक्त में साथ न छोड़ें!”
श्याम को अपनी गलती का एहसास हुआ, और उसने राम से माफी मांगी। गाँव लौटने के बाद, उन्होंने यह कहानी सभी को सुनाई, जिससे लोगों ने सच्ची दोस्ती का मूल्य समझा।
शिक्षा:
सच्ची मित्रता मुश्किल समय में परखी जाती है। जो दोस्त मुसीबत में साथ न छोड़े, वही असली दोस्त होता है।
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