ज्ञान की रोशनी Gyan Ki Roshni

ज्ञान की रोशनी Gyan Ki Roshni

गाँव के एक छोटे से घर में अजय नाम का एक लड़का अपनी माँ विमला देवी के साथ रहता था। विमला देवी एक मेहनती महिला थीं, जो दिन-रात काम करके अपने बेटे की परवरिश करती थीं। अजय 14 साल का था और बेहद होनहार और मेहनती छात्र था। उसका सपना था कि एक दिन वह इंजीनियर बने और अपने गाँव का नाम रोशन करे। Gyan Ki Roshni

लेकिन गरीबी उसकी राह में सबसे बड़ी बाधा थी। किताबें खरीदने और पढ़ाई के लिए जरूरी सुविधाएँ जुटाना उसके लिए मुश्किल था। मगर अजय ने कभी हार नहीं मानी। उसने अपनी माँ के साथ मिलकर अपने सपनों को साकार करने का संकल्प लिया।

संघर्ष और मेहनत का सफर

अजय हर दिन स्कूल जाता और वहाँ जो कुछ भी सीखता, उसे घर आकर दोहराता। चूँकि घर में पर्याप्त रोशनी नहीं थी, इसलिए वह रात को स्ट्रीट लाइट के नीचे बैठकर पढ़ाई करता। उसकी माँ भी उसके साथ जागती और उसे प्रोत्साहित करती। उसकी मेहनत और माँ का त्याग उसकी सफलता की नींव रख रहे थे। Gyan Ki Roshni

समय बीता, और अजय ने स्कूल की परीक्षा शानदार अंकों से पास कर ली। उसकी मेहनत रंग लाई, और उसे इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला मिल गया। वहाँ भी उसने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से सबको प्रभावित किया। उसकी माँ का सपना धीरे-धीरे हकीकत बनने लगा था।

सपनों की उड़ान

कई सालों की मेहनत के बाद अजय एक सफल इंजीनियर बन गया। अब वह अपने गाँव लौटा, लेकिन सिर्फ अपनी उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए नहीं, बल्कि अपने गाँव की स्थिति सुधारने के लिए। उसने गाँव में नई सड़कें, स्कूल और अस्पताल बनवाने का बीड़ा उठाया। उसके प्रयासों से गाँव के लोगों को बेहतर जीवन मिला। Gyan Ki Roshni

शिक्षा की शक्ति

अजय ने अपनी माँ को भावुक होकर धन्यवाद दिया और उनके बलिदान को हमेशा याद रखा। उसकी माँ ने भी उसकी सफलता पर गर्व महसूस किया और उसे आशीर्वाद दिया।

यह कहानी हमें सिखाती है कि शिक्षा ही वह शक्ति है जो जीवन को बदल सकती है। मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से हम किसी भी कठिनाई को पार कर सकते हैं और अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।

“ज्ञान ही वह रोशनी है जो हर अंधकार को मिटा सकती है।” Gyan Ki Roshni

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